पंकज त्रिपाठी, रांची. दूसरे चरण की 20 सीटों के लिए 7 दिसंबर को वोटिंग होनी है। 9 सीटें ऐसी हैं, जहां महिला मतदाता प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करती हैं। संख्या बल में पुरुष मतदाताओं से अधिक महिला मतदाता हर चुनाव में जमकर मतदान करती हैं।
ये 9 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं, जिनमें घाटशिला, पोटका, खरसावां, चाईबासा, मझगांव, मनोहरपुर, चक्रधरपुर, खूंटी और सिमडेगा शामिल हैं। हर चुनाव में इन विधानसभा क्षेत्रों में महिलाओं का ही दबदबा होता है। हालांकि, इन सीटों में से 3 पर महिला ही विधायक बन सकी हैं। इसकी वजह कई सीटों पर पुरुष की तुलना में महिला प्रत्याशियों का काफी कम या नहीं होना है। खूंटी जिले में महिला मतदाता अधिक हैं। यानी कुल 3.91 लाख मतदाताओं में महिलाएं पुरुषों से 2000 अधिक हैं।
पोटका, मनोहरपुर व सिमडेगा में महिला विधायक
महिला बहुल इन 9 एसटी सीटों में से 3 सीटें पोटका, मनोहरपुर, सिमडेगा पर महिलाएं होने के कारण महिला मतदाताओं ने इन्हें ही अपना जनप्रतिनिधि चुना। इससे 2009 और 2014 में पोटका से भाजपा की मेनका सरदार को और सिमडेगा से भाजपा की ही विमला प्रधान को विधायक बनने का मौका मिला। जबकि मनोहरपुर से जोबा मांझी को 2005 और 2014 में महिला वोटरों ने विधानसभा भेजा। जोबा पहले यूजीडीपी में थीं, लेकिन झामुमो में हैं।
इन नौ सीटों पर महिला मतदाता अधिक
सीट | पुरुष | महिला |
घाटशिला | 120854 | 121618 |
पोटका | 143394 | 144377 |
खरसावां | 103717 | 105071 |
चाईबासा | 102031 | 104820 |
मझगांव | 94085 | 98575 |
मनोहरपुर | 98482 | 98855 |
चक्रधरपुर | 90680 | 90763 |
खूंटी | 103910 | 106103 |
सिमडेगा | 112074 | 113491 |
किस सीट पर कब कितने पुरुष-महिला प्रत्याशी रहे
2014 | 2009 |
सीट | पुरुष | महिला | पुरुष | महिला |
घाटशिला | 9 | 2 | 14 | 0 |
पोटका | 8 | 4 | 18 | 2 |
खरसावां | 8 | 0 | 1 | 1 |
मझगांव | 8 | 0 | 14 | 1 |
चाईबासा | 10 | 2 | 13 | 2 |
मनोहरपुर | 9 | 3 | 13 | 3 |
चक्रधरपुर | 8 | 1 | 14 | 0 |
खूंटी | 10 | 2 | 11 | 1 |
सिमडेगा | 8 | 4 | 15 | 1 |
नौ सीटों का गणित यह है कि चुनाव में महिला प्रत्याशियों की संख्या काफी कम या नहीं होती है, जिससे पुरुष प्रत्याशियों को दल, जाति, समाज के कारण मौका मिलता है।